कला संगम के तत्वावधान में मोती सिनेमा हॉल में आयोजित तीन दिवसीय स्व. जगदीश कुशवाहा स्मृति 18वीं अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक, शास्त्रीय नृत्य, लोकनृत्य प्रतियोगिता के दूसरे दिन स्मारिका सर्जना का विमोचन किया गया। विमोचन सदर एसडीओ व संरक्षक विजया जाधव, संरक्षक कंचनमाला व अरविन्द कुमार, प्रधान संपादक राकेश सिन्हा, संपादक मंडल अंजनी सिन्हा व सुनील मंथन शर्मा, प्रायोजक सलूजा गोल्ड के सतविंदर सिंह सलूजा, कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार सिंह, सचिव सतीश कुंदन, कोषाध्यक्ष विनय बक्सी, अधिवक्ता विशाल आनंद ने संयुक्त रूप से किया।
मौके पर एसडीओ श्रीमती जाधव ने कला संगम के इस कार्यक्रम की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों में सभी को आर्थिक, शारीरिक मदद करनी चाहिए। उन्होंने आर्थिक पर पुणे के कॉलेजेस के अपने अनुभवों को सुनाया। उन्होंने बाजार और समाज को बड़ा करने की वकालत की। कहा, बाजार और समाज बढ़ जाये तो आप सरकार से मांगने की स्थिति में नहीं, बल्कि खुद बेहतर स्थिति में रहेंगे। इसके पहले प्रधान संपादक राकेश सिन्हा ने पत्रिका की रुपरेखा बताई और कला को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों में मदद करने का आह्वान किया।
जिन्हें मिला सम्मान:
विमोचन के दौरान ही कला के क्षेत्र में बेहतर उपलब्धि हासिल करने वाले कलाकारों में शास्त्रीय गायक कुलदीप सिंह छाबड़ा, भजन एल्बम गायक सुनील केडिया, दयाशंकर सिंह, अनु मिंज, नयनदीप सिन्हा, जमशेदपुर के शिवलाल सागर, इंदौर के राघव फकीरा, चन्दन कुमार, मधवचंद्र पलई, भानुदय भगत को सम्मान पट देकर सम्मानित किया गया। मौके पर ही एसडीओ को संयोजक अंजनी सिन्हा के हाथों सम्मानित किया गया। ।मधुबनी पेंटिंग कलाकार चंदा निर्मल लाभ ने एसडीओ का अपनी पेंटिंग से सजी शॉल और पेंटिंग भेंटकर सम्मान किया। मौके पर संरक्षक अजय बगड़िया, उपाध्यक्ष परिमल सिन्हा, सह सचिव मदन मंजर्वे, राजेश सिन्हा, लोकनाथ सहाय, अविनाश केशरी, रविश आनंद, नितीश आनंद, अनुपम किशोर, धरणीधर प्रसाद आदि मौजूद थे। नाटक, नृत्य के निर्णायक संजीव परिहस्त, मो. निज़ाम, सुभाष पुष्कर, अशोक मानव व प्रदीप गुप्ता थे।
कार्यक्रम : पुरुलिया का छऊ, असम का बिहू नृत्य, मणिपुर का मणिपुरी नृत्य, राजस्थान लोक कला मंच का लोकनृत्य पेश किया गया। हिया चटर्जी, गौरव सरकार ने शास्त्रीय नृत्य, नाटक सद्गति, चित्रकला एकेडमी की अनोखी भंडारी ने फोक नृत्य, शर्मिष्ठा डांस एकेडमी की अक्षिता, कोमल ने नृत्य, बरणाली पॉल ने एकल नृत्य पेश किया। नाटक बूढ़ा, अननया दास ने फोक डांस पेश कर खूब वाहवाही लूटी।