–– कला संगम ने व्यक्त किया शोक संवेदना, कत्थक नृत्य का क्लास स्थगित
गिरिडीह : कला संगम गिरिडीह के संस्थापक सदस्य सह मशहूर रंगकर्मी रवींद्र प्रसाद सिंह का बीती रात दिल्ली में निधन हो गया। वह बीमार थे और उनके पुत्र दिल्ली में उनका इलाज करा रहे थे। उनके निधन से कला संगम का पूरा परिवार दुखी है और उन्हें अश्रुपूर्ण श्रद्धाजंलि अर्पित किया है। उनकी अंत्येष्टि रविवार को की जाएगी और रविवार को रोटरी क्लब में चलने वाला कत्थक नृत्य का क्लास को स्थगित कर दिया गया है।
वर्तमान में वह कला संगम के संस्थापक अध्यक्ष थे। वे बीस वर्षों तक कला संगम के अध्यक्ष रहे। इसके अलावा उपाध्यक्ष, संयुक्त सचिव के पद को सुशोभित करते रहे। वह कला संगम के अभिभावक थे। वह एक साथ सफल अधिवक्ता, नेता एवं कलाकार थे।
रवींद्र सिंह युवाकाल से ही कला संगम से जुड़े थे। प्रो. रघुनंदन प्यासा लिखित नाटक सोहदा, नया जमाना, सुल्ताना डाकू, कफ़न, धर्मवीर भारती लिखित अंधायुग एवं 1964 में मंचित नाटक नेफा की एक शाम में सफल अभिनय किया।
उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए संरक्षक पूर्व मंत्री चंद्रमोहन प्रसाद, राजेन्द्र बगेड़िया, अजय बगेड़िया, अजय सिन्हा मंटू, अरविंद कुमार कंचनमाला, सतविंदर सिंह सलूजा, श्रेयांस सरावगी आदि ने कहा कि गिरिडीह कला जगत का एक सितारा आज डूब गया।
अध्यक्ष अधिवक्ता प्रकाश सहाय, कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार सिंह, उपाध्यक्ष डॉ परिमल सिन्हा, अंजनी सिन्हा, राजीव सिन्हा, संयोजक चुन्नुकान्त, सह-संयोजक सुनील भूषण, राजेश सिन्हा, सचिव सतीश कुंदन, सह सचिव मदन मंजर्वे, शिवेन्द्र कुमार सिन्हा, कोषाध्यक्ष विनय बक्सी, मुख्य सलाहकार पत्रकार सुरेंद्र कुमार सिन्हा, कार्यालय प्रभारी मनोज कुमार मुन्ना, मीडिया प्रभारी सुनील मंथन शर्मा व विनोद शर्मा, नृत्य निर्देशक प्रो रजनी बड़ाइक, नाट्य प्रमुख नीतीश आनंद, संगीत प्रमुख ऑरित चंद्रा, साहित्य प्रमुख प्रो अनुज कुमार, लीगल एडवाइजर विशाल आनंद सहित सरोद वादक मनोज केडिया, संजय कुमार, कवींद्र भट्टाचार्य, उत्तम चक्रवर्ती, रेणु वर्मा, सरवर अली खान, महेश अमन, राजीव रंजन, क्रांति शाहा, प्रदीप गुप्ता, शुभम कुमार, शीलधर प्रसाद, रविश, विकास, संजय कुमार सिन्हा, कृष्णा कुमार सिन्हा, संजय कुमार आदि ने अश्रुपूर्ण श्रद्धाजंलि अर्पित की है।
फ़ोटो : यह तस्वीर कला संगम के पदाधिकारियों के चुनाव के वक्त की है। इस तस्वीर में गोल घेरे में रवींद्र सिंह जी विराजमान है। स्वास्थ्य की वजह से अध्यक्ष का पद स्वमं छोड़ने के बाद उन्हें यहां सर्वसम्मति से संस्थापक अध्यक्ष बनाया गया था।