साहित्य के बिना मनुष्य अधूरा है : राजेन्द्र बगेड़िया

कला संगम की पद्मश्री गोपाल दास नीरज स्मृति एवं मुंशी प्रेमचंद जी की जयंती पर कवि गोष्ठी
गिरिडीहकला संगम के तत्वावधान में गिरिडीह वकालत खाना में  रविवार को पद्मश्री व पद्मभूषण कवि गोपाल दास नीरज की स्मृति एवं साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जी की जयंती के अवसर पर कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की शुरुआत मुख्य अतिथि कला संगम के संरक्षक व पूर्व मंत्री चंद्रमोहन प्रसाद, संरक्षक राजेन्द्र बगेड़िया, कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार सिंह, सचिव सतीश कुंदन, साहित्य प्रभाग के प्रभारी प्रो. अनूज कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर की।
मौके पर पूर्व मंत्री श्री प्रसाद ने कहा कि कला संगम स्थानीय कवियों को मंच प्रदान कर रहा है, जो बहुत ही सराहनीय है। संरक्षक श्री बगेड़िया ने कहा कि साहित्य के बिना मनुष्य अधूरा है। साहित्य समाज को समृद्ध करता है और गिरिडीह के कवि साहित्य को समृद्ध कर रहे हैं।
गोष्ठी की पहली कविता सतीश कुंदन ने ‘अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाय, जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाय’ सुनाई। उसके बाद अभिनय उपाध्याय ने ‘मैं तुम्हारे प्रेमपथ पर स्नेह बरसाता मिलूंगा, महेश अमन ने वो शौचालय जो बंद रहता है, प्रो अनूज ने शिक्षक, कवि, गीतकार, थे मंचों का शोभनहार, कहां तुम चले गए, नवीन मिश्र ने गंगा का किनारा याद आता, राजेश पाठक ने सलामत रहे आज भारत हमारा, ममता बनर्जी ने कला संगम बना है तो कला को मान देना है, उदय शंकर उपाध्याय ने देखो कैसी पूस की रात, कलीमुद्दीन गौहर ने बड़े मीठे-मीठे बोलते हैं, ये उर्दू जवां है जो हम बोलते हैं, संजय करुणेश ने क्या पेश करुं तुमको, ये दिल भी तेरा है, ये जां भी तेरी है, मो. हलीम ने हर तरफ प्यार की बहती हुई गंगा दिखनी चाहिए, नवीन सिन्हा ने अगहन आने पर मिलेगा भोजन भर थाली, राजेश अभागा ने खोरठा कविता टाँड से नीचे जो सरकय ओकरे तलवार कहल जाय हैय और मो. सरफराज चांद ने आन रखते हैं बान रखते हैं, हम तिरंगे की शान रखते हैं, अनुपम किशोर ने वह मिल सकता है’ सुनाकर खूब वाहवाही लूटी।
मंच संचालन प्रो अनूज कुमार ने किया। मौके पर उपाध्यक्ष अंजनी सिन्हा, सह सचिव शिवेंद्र सिन्हा, मदन मंजर्वे, सह संजोयक राजेश सिन्हा, कोषाध्यक्ष विनय बक्सी, मीडिया प्रभारी सुनील मंथन शर्मा, प्रो दीपाली गुहा नियोगी, कुमकुम सिन्हा, संगीत प्रभाग के प्रभारी ऑरित चंद्रा, सरवर अली खान, कवींद्र भट्टाचार्य, नीतीश आनंद, रविश आनंद, शीलधर प्रसाद, नित्यानंद प्रसाद, मनोज मुन्ना, विकास रंजन, शुभम सहित सौ से अधिक लोग उपस्थित थे।

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