गिरिडीह में तीन दिनों तक 12 राज्यों के कलाकार मचाएंगे धूम

— कला संगम की स्व. जगदीश प्रसाद कुशवाहा स्मृति 20वीं अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक, शास्त्रीय नृत्य, लोकनृत्य प्रतियोगिता का आज होगा उद्घाटन
गिरिडीह  : कला संगम के तत्वावधान में 1 से 3 फरवरी तक मोती सिनेमा हॉल में स्व. जगदीश प्रसाद कुशवाहा स्मृति 20वीं अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक, शास्त्रीय नृत्य, लोकनृत्य प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। शुक्रवार को ईश्वर स्मृति भवन में प्रेस वार्ता आयोजित कर संगम के पदाधिकारियों ने प्रतियोगिता की पूरी रूपरेखा रखी। सचिव सतीश कुन्दन ने बताया प्रतियोगिता में 12 राज्यों की टीम भाग लेने के लिए आ रही है, जिसमें उत्तर प्रदेश की दो टीम और मणिपुर की टीम गिरिडीह पहुंच चुकी है। बंगाल, उड़िसा, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखण्ड राज्यों के कलाकारों रास्ते में हैं। असम की टीम को सीएए, एनआरसी के प्रदर्शनों के कारण आने में कठिनाई हो रही है। प्रथम दिन शनिवार को कार्यक्रम का उद्घाटन उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा, अनुमंडल पदाधिकारी राजेश प्रजापति, पूर्व विधायक प्रो. जयप्रकाश वर्मा, पंडित शम्भु दयाल केडिया, कोडरमा सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव, सलूजा गोल्ड के अमरजीत सिंह सलूजा,  संरक्षक अजय सिन्हा करेंगे। बीएनएस डीएवी के छात्र-छात्राओं द्वारा स्वागत गान एवं कला संगम की छात्राओं की ओर से कत्थक नृत्य प्रस्तुत करने के बाद कत्थक, ओडिसी, आदिवासी व शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किये जायेंगे। नाटक अजब मदारी, गजब तमाशा (आजमगढ़), बूनो (कोलकाता), सदगति (धनबाद), हवालात (महाराष्ट्र), कथा एक कंश की (दिल्ली) का मंचन होगा।  शनिवार को ही स्मारिका ‘सर्जना’ का विमोचन किया जायगा। लोक कलाकार स्व. मुनमुन सिन्हा की धर्मपत्नी को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया जाएगा। दूसरे दिन सुबह भव्य रंगयात्रा निकाली जाएगी। शाम को संगीत साधक स्व. दिगम्बर प्रसाद स्मृति सम्मान देश के चुने हुए कलाकारों को कलाश्री, नाट्य श्री की मानद उपाधि देकर सम्मानित किया जाएगा। बंगाल, ओड़िसा, असम, उत्तर प्रदेश का लोकनृत्य होगा। नाटक राजपाट (पलामू-झारखण्ड), अथ मानुष जान (महाराष्ट्र), संबोधन (मध्य प्रदेश), लेट मी फिनिश (गुजरात), तुमने क्यों कहा था मैं सुन्दर हूं (उत्तर प्रदेश) का मंचन होगा। रात को कैंप फायर होगा। तीसरे दिन का कार्यक्रम स्व. राजकुमार सिंह को समर्पित है। उस दिन उनकी पत्नी को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया जाएगा। लोकनृत्य, शास्त्रीय नृत्य के अलावा नाटक गद्दी (ओड़िसा), हुनर रंग (उत्तर प्रदेश), खामोश अदालत जारी है (टाटा), भटकते लोग (धनबाद) का मंचन होगा। ईश्वर स्मृति भवन, जालान धर्मशाला,  बरनवाल सेवा सदन में कलाकारों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।
प्रेस वार्ता में उपाध्यक्ष अंजनी कुमार सिन्हा, सहसचिव मदन मंजर्वे, कार्यालय प्रभारी मनोज कुमार मुन्ना, मीडिया प्रभारी सुनील मंथन शर्मा, बिनोद शर्मा, ईश्वर स्मृति के सुजय गुप्ता, नाट्य प्रमुख नीतीश आनंद, रविश आनंद, क्रांति शाहा आदि उपस्थित थे।

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