कला संगम की तीन दिवसीय 23वीं अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक, शास्त्रीय व लोक नृत्य प्रतियोगिता का दूसरा दिन
गिरिडीह : कला संगम गिरिडीह के तत्वावधान में सवेरा सिनेमा हॉल में आयोजित तीन दिवसीय स्व. जगदीश प्रसाद कुशवाहा स्मृति 23वीं अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक, शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य प्रतियोगिता के दूसरे दिन शनिवार को नाट्य, शास्त्रीय व लोक नृत्य प्रस्तुति की धूम रही।
देशभर से आई संस्थाओं एवं कलाकारों की रंगयात्रा शहर में निकाली गई। रंगयात्रा देखकर शहरवासी अचंभित हुए। विभिन्न कला-संस्कृति की झांकी से शहर मानो ठहर सा गया हो। रंगयात्रा ईश्वर स्मृति भवन से निकलकर मकतपुर, कालीबाड़ी, टावर चौक से होकर बड़ा चौक पहुंची। फिर स्टेशन रोड होते हुए वापस ईश्वर स्मृति भवन में समाप्त हुई।
इसी बीच कला एवं संस्कृति के लिए विशेष योगदान के लिए देशभर के 15 कलाकारों को स्व. दिगम्बर प्रसाद स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। सबसे पहले स्व. दिगम्बर प्रसाद की तस्वीर पर अतिथियों ने माल्यार्पण किया। उसके बाद उत्तर प्रदेश के अष्टभुजा मिश्रा, दिल्ली के अशोक मेहरा व प्रदीप वाजपेयी, बंगाल के सौगत चट्टोपाध्याय, झारखंड के उमर खान, उड़ीसा के रामचन्द्र सासमल, रानू महापात्र व राजकुमार पाठी, राजस्थान के साक्षी सुनील, राजीव रंजन व मनीषा शर्मा, बिहार के कमलेश कुमार को नाट्य श्री तथा गिरिडीह के कृष्णा सिन्हा व अजय कुमार को कला श्री सम्मान से सम्मानित किया गया। सभी को शॉल ओढ़ाकर व शिल्ड देकर सम्मानित किया गया। सम्मान मुख्य अतिथि कोडरमा सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव, विशिष्ट अतिथि नगर निगम उपमहापौर प्रकाश राम, लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार राज, संरक्षक अजय सिन्हा मंटू, श्रेयांश जैन, उपाध्यक्ष पंकज ताह, राजीव सिन्हा, सचिव सतीश कुंदन, सह सचिव शिवेंद्र सिन्हा, सह संयोजक व भाजपा नेता चुन्नूकान्त, कोषाध्यक्ष विनय बक्सी, मुख्य सलाहकार कृष्णा सिन्हा, गर्ल्स हाई स्कूल के प्रिंसिपल मुन्ना कुशवाहा, एआईटीसी के उपाध्यक्ष वशिष्ठ सिन्हा ने प्रदान किया। संचालन सचिव सतीश कुंदन व धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष पंकज ताह ने किया।
इन नाटकों का हुआ मंचन
ए काइंड ऑफ प्रेगनेंसी, कैनवास की मौत, सहजपन, संबोधन, दीजोदसेर।
शास्त्रीय नृत्य व लोक नृत्य
छऊ नृत्य ने समां बांध दिया। अनन्या दास, कौशिकी चक्रवर्ती, अनोखी, गौरव सरकार, अनिविता, कौशनी सरकार, आराध्या दास चौधुरी, तुमपी लोपदर, मनीषा कश्यप ने अपने-अपने नृत्य से सबका मन मोह लिया।