— शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य ने दर्शकों का मन मोहा
— कला संगम की तीन दिवसीय 23वीं अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक, शास्त्रीय व लोक नृत्य प्रतियोगिता का तीसरा दिन
गिरिडीह : कला संगम गिरिडीह के तत्वावधान में सवेरा सिनेमा हॉल में आयोजित तीन दिवसीय स्व. जगदीश प्रसाद कुशवाहा स्मृति 23वीं अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक, शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य प्रतियोगिता के तीसरे दिन रविवार को पांच नाटकों का मंचन हुआ। सलूजा गोल्ड के सहयोग से चल रहे इस महोत्सव में शास्त्रीय व लोक नृत्य ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। नाटकों में रीवा मध्य प्रदेश ने उसके साथ, रंगश्री पटना ने वी वांट जस्टिस, नटराज नृत्य परिषद ने उड़ीसा ने शून्य पुजारी, निशान टाटा ने अश्वस्थामा, पथ टाटा ने नाटक नहीं मंचन किया। सभी नाटकों ने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी। कला संगम की नृत्य निर्देशक दिव्या सहाय ने उप शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
शास्त्रीय व लोक नृत्य श्रीपरन दत्ता, रजनया घोष, मेधा चंद्र, कौशनी सरकार, आराध्या दास चौधुरी, शमयिता दास, गौरव सरकार, अनन्या प्रसाद, अदृजा मुखर्जी, ऋषिका सिंह, कौशिकी चक्रवर्ती, आयुषी दास, बरनाली पॉल, श्रेयांशी, मनीषा कश्यप ने प्रस्तुत किया।
प्रतियोगिता के निर्णायक रंग निर्देशक अशोक मानव, मो. निज़ाम व सरसी चंद्र थे। मौके पर दिल्ली के सुरेंद्र सागर, अशोक मेहरा, धनबाद के राजेंद्र प्रसाद, वशिष्ट सिन्हा, सह सचिव मदन मंजर्वे, सह संयोजक राजेश सिन्हा, मुख्य सलाहकार कृष्णा सिन्हा, मीडिया प्रभारी सुनील मंथन शर्मा, बिनोद शर्मा, अजय शिवानी आदि मौजूद थे। कार्यालय प्रभारी मनोज मुन्ना, नाट्य प्रमुख नीतीश आनंद, नृत्य निर्देशक दिव्या सहाय, अजय शिवानी, रविश आनंद, अनुपम किशोर, स्वाति सिन्हा, शीलधर प्रसाद, शुभम, विकास रंजन, आकाश, सिद्धांत रंजन, सौरभ रंजन, सुमित, इंद्रजीत क्रांति साहा आदि ने महोत्सव में सराहनीय कार्य किया।