गिरिडीह : कला संगम के तत्वावधान में मोती सिनेमा हॉल में आयोजित तीन दिवसीय स्व. जगदीश प्रसाद कुशवाहा स्मृति 20वीं अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक, शास्त्रीय नृत्य, लोकनृत्य प्रतियोगिता के दूसरे दिन स्मारिका ‘सर्जना’ का विमोचन हुआ। विमोचन मुख्य अतिथि डीसी राहुल कुमार सिन्हा, विशिष्ट अतिथि एसपी सुरेंद्र कुमार झा, धनबाद रेल एसपी दीपक कुमार सिन्हा, वाणिज्य कर उपायुक्त अशेष कुमार चौधुरी, स्मारिका के प्रधान संपादक राकेश कुमार सिन्हा, प्रबंध संपादक व सचिव सतीश कुंदन, संपादक मंडल सुनील मंथन शर्मा व अंजनी सिन्हा, सीआईएसएफ का कमान्डेंट आनंद कुमार, संरक्षक अजय सिन्हा मंटू, उपाध्यक्ष राजीव सिन्हा, संगठन सचिव शिवेंद्र कुमार सिन्हा, कोषाध्यक्ष बिनय बक्शी, लोजपा के राजकुमार राज, जीएमरपीजी ग्रुप के अमित सहाय आदि ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर डीसी ने कहा कि कला संगम कला और कलाकार को एक धागे में पिरोए हुए, जो सराहनीय है। कलाकारों को नियमित रूप से मंच प्रदान करते हुए भारतीय संस्कृति को बढ़ाने का कला संगम एक महती भूमिका निभा रहा है। एसपी ने कहा कि कला इंसान की संवेदना है, इंसान का संस्कार है। कला संगम सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ाते रहे यही कामना है। धनबाद रेल एसपी ने कहा कि वे कला संगम का बहुत पुराने सदस्य हैं। कला संगम जो कला को बढ़ाने का कार्य कर रहा है, बहुत सराहनीय है। मैं आजीवन सदस्य बन रहा रहूंगा। पत्रकार राकेश सिन्हा ने कहा कि कला अब डिज़िटल प्लेटफार्म में भी ले जाने की जरूरत है। इससे कलाकारों की कला अधिक विस्तारित होगी।
इसके पहले कला संगम के स्व. दिगम्बर प्रसाद के चित्र पर मालार्पण के बाद इनकी स्मृति में डीसी, एसपी के हाथों कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले दिल्ली के सुरेंद्र सागर, गिरिडीह के प्रो. महेंद्र प्रसाद, दिनेश रॉय, ललित कुशवाहा, अंशु राणा, उत्तराखंड के महेश नारायण, मध्यप्रदेश के सुनील राज, ओड़िसा के प्रवीर जेना व गुजरात के योगेश को कलाश्री सम्मान से सम्मानित किया गया।
इसके बाद देश के कोने-कोने से आये कलाकारों ने लोकनृत्य, शास्त्रीय नृत्य, नाटक प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लुटी।